1857 Revolution History Notes || 1857 की क्रांति के शानदार नोट्स के साथ सम्पूर्ण PDF डाउनलोड करें

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1857 Revolution History Notes: नमस्कार दोस्तों में आपका दोस्त फिर से हाजिर हूँ आपके लिए एक नयी जानकारी लेकर, दोस्तों आज में आपको 1857 की क्रांति के बारे में बताऊंगा और इसकी सम्पूर्ण जानकारी की PDF भी निचे दि गई है जिसे आप बहुत आसानी से डाउनलोड कर सकते है, दोस्तों 1857 की क्रांति के प्रश्न लगभग सभी सरकारी परीक्षाओं में पूछे जाते है, दोस्तों  इस लेख में आपको इस क्रांति से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दूंगा जिससे आप किसी भी सरकारी परीक्षा में इससे सम्बंधित आये सवाल को छोड़ न दें, क्योंकि सरकारी परीक्षाओं में एक नंबर भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, तो दोस्तों 1857 की क्रांति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक ध्यान से पढ़ें.

दोस्तों 1857 की क्रांति की सुरुआत मंगल पांडे की बगावत से हुई थी, इसकी सुरुआत 10 मई को हुई थी, यह क्रांति ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ थी, दोस्तों भारत के इतिहास में ये दिन (10 मई 1857) सुनहरे अक्षरों में दर्ज है, इस दिन मेरठ की छावनी के 85 जवानों की वजह से देश में ईस्ट इंडिया कंपनी या ब्रिटिश हुकूमत (British Raj) के खिलाफ और आजादी की पहली चिंगारी फूटी थी, दोस्तों इस क्रांति की तैयारी तो कई वर्षों से थी, दोस्तों इस क्रांति के कुछ मुख्य भूमिका थी जिनके नाम रानी झांसी, नाना साहब, तांत्या टोपे, अजीमुल्ला, कुंवर जगजीत सिंह, मौलवी अहमद उल्ला शाह और बहादुर शाह जफर थे, दोस्तों इनकी भूमिका के साथ इंग्लैंड के दुश्मन देश रूस और ईरान का भी समर्थन था.

इस क्रांति में सेनिकों के विद्रोह के बाद किसान, मजदूर और आदिवासियों, कास्तारों ने इस आन्दोलन को करीब ढाई साल तक जारी रखा, और अंग्रेजों की सेना में जो हिन्दुस्तानी थे उन्होंने गाय और सूअर की चर्बी लगी कारतूस चलाने से मन कर दिया, और इनके कोर्ट मार्शल के बाद क्रांतिकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया और 50 से ज्यादा अंग्रेजों की हत्या कर दि, दोस्तों इस क्रांति के करीब 9 दशक बाद तक भी अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया, लेकिन इस क्रांति के बाद ब्रिटिश क्राउन को काफी बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

इस क्रांति के बाद ब्रिटिश अधिकारी पहले से अधिक चोकन्ने हो गए, और उन्होंने भारतियों के साथ बातचीत बढाने की कोशिश आरम्भ कर दि, इससे पहले अंग्रेजों ने विद्रोह करने वाली सेना का विश्लेषण कर दिया, प्रकाशन की शक्ति की आधार पर बलूचियों और सिक्खों की नयी सेना बनाई गई, और यह सेना भारत की स्वतंत्रता तक टिकी रही, दोस्तों कुछ ऐसे भारतीय भी थे जिनकी इस क्रांति में कोई भागीदारी नहीं थी जैसे बड़े जमीदार और रियासतों के मालिक, इनको लार्ड कैनिंग ने ‘तूफ़ान में बांध’ की संज्ञा दी, इन लोगों को अंग्रेज सरकार की तरफ से सम्मानित भी किया गया, उनको अधिकृत रूप से अलग पहचान दि गई, और कुछ बड़े किसानो के लिए बहुत कुछ अच्छे कार्य भी किये गए जैसे भूमि-सुधार आदि.

दोस्तों 1857 की क्रांति की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस पीडीऍफ़ में मिल जाएगी, PDF की लिंक आपको निचे मिल जायेगी दोस्तों हम आपके लिए रोज ऐसी नई- नई पीडीऍफ़ का भंडार लेकर आते रहते है जिससे आपको किसी भी तरह के सरकारी एग्जाम (SSC CGL, BANK, RAILWAYS, RRB NTPC, LIC AAO) और अन्य एग्जाम्स में कोई परेशानी ना आये और आप अपनी परीक्षाओ की अच्छे से तयारी कर सकें, दोस्तों अगर आपको किसी तरह की कोई परेशानी आती है, तो आप हमे कमेंट करके अपनी परेशानी बता सकते हो जिससे हम आपकी मद्द्त कर सके.

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अन्य भारतीय इतिहास :

प्राचीन भारतीय इतिहास :-

के अध्यन में जितनी रोचकता है उतनी अन्य किसी में नहीं, मानव सब्यता की उतपति विकास संस्कृति , सब्यता विभिन्न साम्राज्यों का उत्थान पतन , प्राचीन भारत की सामजिक एव आर्थिक व्यवस्था धर्म का स्वरूप एंव भारत की साहित्यिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक अउपलब्धियो के सम्वन्ध में जानकारी प्राप्त करने की दिशा में प्राचीन भारत के इतिहास का अध्यन करना ही एकमात्र सर्वश्रेष्ठ उपाय है,

प्राचीन भारतीय इतिहास:-

रहने वालो को हिन्दू एंव उस भू- भाग को हिन्दुस्तान नाम दिया गया, इस नाम का प्रयोग ईरान स प्रभावित मुस्लिम राष्ट्र करते थे भारत के निवासी भारतवर्ष या भारतखण्ड को अंगीकृत कर सके अन्य नामो का प्रवेश भारतीयता में नहीं हो सका यूनानियों ने भारत को इंडिया नाम दिया वे सिन्ध नदी को इंडस। पुकारते थे ऐसी के फलस्वरूप उस क्षेत्र को इंडिया (INDIA) एंव वंहा पर निवास करने वालो को इंडिया (INDIA) कहा गया

प्राचीन भारत की प्राकृतिक अवस्थाए:-

बिस्तार-भारतवर्ष का फैलाव अतवघिक विस्तृत मन गया है जिसके कारण इस देश को बृहत्तर भारत भी कहा रहा है बृहत्तर भारत जे विस्तार के मत्सीपुराण में नो भेद किये गए है जो समुंद्र के बिच आजाने के कारण एक दूसरे से अलग एंव कठिन है प्राचीन भारत के बृहत्तर स्वरूप के नो भेद निम्नाकिंत है

इस पीडीऍफ़ में आपके लिए और भी जानकारी दी गयी जो आपको पीडीऍफ़ में मिल जायेगी डाउनलोड बटन पर किलिक करके स्टडी कर सकते हो धन्यवाद दोस्तों हमारी वेबसाइट से जरूरी जुड़े जिससे आपको रोज अपडेट मिलते रहेंगे।

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